हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "आमाली सदूक़" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الباقر علیہ السلام:
مَنْ کَانَ ظَاهِرُهُ أَرْجَحَ مِنْ بَاطِنِهِ خَفَّ مِیزَانُهُ
इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने फ़रमाया:
जिसका रूप उसके आंतरिक आत्मा से ज़्यादा महत्वपूर्ण है, उसके कर्मों का पलड़ा हल्का और कम मूल्यवान होगा।
आमाली सदूक़, पेज 580, हदीस 798
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